आगामी चार सितंबर से शुरू हो रही हेमकुंड साहिब यात्रा पर जाने का यदि आप प्रोग्राम बना रहे हैं तो पहले इन बातों के बारे में जरूर जान लीजिए। हेमकुंड साहिब यात्रा इस बार 10 अक्टूबर तक ही चलेगी। इस यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु इस बार हेली सेवा और पालकी की सेवा भी नहीं ले पाएंगे। वहीं, इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए एहतियातन एक दिन में केवल 100 तीर्थयात्रियों को ही हेमकुंड साहिब जाने की अनुमति होगी।
आगामी 4 सितंबर से Hemkund Sahib Yatra प्रारंभ हो रही है, लेकिन इस बार जहां आवागमन के लिए हेली या पालकी की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी वहीं, पैदल यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को घांघरिया से हेमकुंड तक प्रकृति के बेहद खूबसूरत एवं मनमोहक नजारे देखने को जरूर मिलेंगे। आजकल घांघरिया से हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर उत्तराखंड के राज्य पुष्प ब्रह्मकमल खूब खिले हुए हैं। यात्रियों को इन फूलों के दीदार करने का मौका मिलेगा।
गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि आगामी 3 सितंबर को गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब के लिए पंच प्यारे रवाना होंगे। चार सितम्बर को पंच प्यारे की अगुवाई में हेमकुंड साहिब के कपाट खोले जाएंगे। उन्होंने धाम में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सरकार द्वारा कोविड के नियमों का पालन करने की अपील की है।
दूसरी ओर, Hemkund Sahib Yatra की तैयारियों को दुरुस्त करने के लिए एसडीएम जोशीमठ अनिल चन्याल ने संबंधित विभागों को 30 अगस्त तक सभी व्यवस्था चाकचैबंध करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि हेमकुंड साहिब में हर दिन 100 यात्री ही जाएंगे। इसके साथ ही 50 स्थानीय घोड़े खच्चरों को भी जाने की अनुमति दी गई है।
गुरुवार को एसडीएम कार्यालय जोशीमठ में यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक हुई। जिसमें गुरुद्वारा प्रबंधक, पेयजल, विद्युत विभाग, लोनिवि, संचार सहित महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारी मौजूद थे। एसडीएम ने कहा कि हेमकुंड यात्रा के प्रमुख पड़ाव घांघरिया में पेयजल व विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गई है।