देहरादून। सूबे के उद्यान, कृषि व रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल के स्तर पर प्रदेश के राजकीय उद्यानों को नये सिरे से विकसित करने पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। प्रदेश में 93 उद्यानों को तीन श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। इनमें से ए- श्रेणी के उद्यान विभाग अपने से चलायेंगे, ताकि यहां से गुणवत्तापूर्ण पौध एवं उत्पाद मिल सकें।
साथ ही इन्हें हार्टी-टूरिज्म की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। बी व सी श्रेणी के तहत चिन्हित उद्यान में एरोमैटिक व चाय की खेती की संभावनाएं तलाशने के लिए वह मानकानुसार सर्वेक्षण करेंगे। अवशेष बी व सी श्रेणी के उद्यान को क्रमशः 20 एवं 30 साल के लिए प्रतिस्पर्धात्मक निविदा से लघु व दीर्घकालिक लीज पर दिए जाने पर विचार हुआ।
इसमें विभाग को पूरी कार्य योजना तैयार करने को निर्देश जारी हुए। एक अन्य निर्णय में राज्य के जैविक उत्पाद के विपणन के लिए प्रमुख यात्रा मार्ग, कस्बों व जिला मुख्यालयों पर आर्गेनिक उत्तराखंड नाम से 1300 रिटेल आउटलेट स्थापना पर सहमति बनी। इससे किसानों को बेहतर बाजार मिल सकेगा। वहीं देश विदेश से आने वाले यात्री एवं पर्यटक इन्हें खरीद सकेंगे और इनका प्रचार-प्रसार हो सकेगा।
यह आउटलेट स्थानीय स्तर पर समूहों के माध्यम से संचालित होंगे व इनके स्थापना के लिए जिलाधिकारियों से स्थान चयन कराया जायेगा। विभागीय सचिव व निदेशक उद्यान आर० मीनाक्षी सुंदरम, कृषि निदेशक परमाराम व सगन्ध पौध केंद्र, उद्यान व कृषि निदेशालय के संबंधित अधिकारीगण बैठक में उपस्थित रहे।