धारा 144 के बीच भगवान केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली आज शुक्रवार को ऊखीमठ में पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से अपने धाम के लिए रवाना हो गई है। डोली के धाम पहुंचने के साथ ही धारा 144 स्वतः समाप्त हो जाएगी। बाबा केदार की डोली के साथ 28 लोगों का दल शामिल है।
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विदित हो कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन ने 13 मई की शाम 5 बजे से 15 मई तक डोली के धाम पहुंचने तक धारा 144 लागू की है। एसडीएम जितेंद्र वर्मा के अनुसार ओंकारेश्वर मंदिर में होने वाली भैरवनाथ पूजा के दौरान 20 मीटर के दायरे में अन्य लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
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बाबा केदार की डोली के केदारनाथ प्रस्थान के दौरान सीमित लोगों के अलावा अन्य के प्रवेश पर 50 मीटर के दायरे में प्रतिबंध लगाया गया है। बताया कि केदारनाथ के लिए प्रशासन द्वारा देवस्थानम बोर्ड के 14 अधिकारी, कर्मचारी व 14 हक-हकूकधारियों को अनुमति दी गई है।
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पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली कोरोना संक्रमण के कारण 14 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से गौरीकुंड वाहन के माध्यम से पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम के बाद डोली 15 को धाम पहुंच जाएंगी।
धाम में दो दिन विश्राम के बाद 17 मई को केदानाथ धाम के कपाट विधिविधान परंपरा के अनुसार खोले जाएंगे। हालांकि इस बार सरकार ने कोरोना महामारी के चलते पहले ही चारधाम यात्रा स्थगित कर दी थी और धाम में सिर्फ तीर्थ पुरोहितों के द्वारा ही पूजा-पाठ किया जाएगा। धाम में आमजन किसी को भी जाने की अनुमति नहीं रहेगी।
सोमवार को आज ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में प्रशासन, देवस्थान बोर्ड, तीर्थपुरोहित समाज व हक-हकूकधारियों की बैठक में करीब दो घंटे की मंत्रणा के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल से अपने धाम के लिए वाहन से प्रस्थान करते हुए सीधे गौरीकुंड पहुंचेगी।
बैठक में बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, सीओ अनिल मनराल, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, तहसीलदार दीवान सिंह राणा, जयवीर राम बधाणी, थानाध्यक्ष मुकेश थलेड़ी, महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, विश्वमोहन जमलोकी, रणजीत रावत, राजकुमार तिवारी आदि मौजूद थे।