ऊधमसिंह नगर में रोहिंग्या शरणार्थियों की घुसपैठ की आशंका को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस की खुफिया एजेंसियों ने संदिग्ध स्थानों पर गोपनीय जांच शुरू कर दी है। रुद्रपुर में वर्षों से रह रहे कुछ बांग्लादेशी परिवारों के संपर्क में रोहिंग्या शरणार्थियों के होने के संकेत मिले हैं। हालांकि अभी तक रोहिंग्यों की जिले में होने की ठोस पुष्टि नहीं हो सकी है।
यूपी की सीमाओं से लगे ऊधमसिंह नगर जिले में बाहरी संदिग्धों की आवाजाही रहती है। यूपी में कई तरह की सांप्रदायिक और अन्य वारदात के बाद जिले के संदिग्ध स्थानों और पॉश कॉलोनियों को संदिग्ध शरण स्थली बनाते हैं। पुलिस अधिकारियों को गोपनीय सूचना मिली थी कि आगामी होली और 15 अगस्त को रोहिंग्या शरणार्थी कुमाऊं की ओर रुख कर सकते हैं।
ऐसे में बेहद संवेदनशील माने जाने वाले ऊधमसिंह नगर के कुछ लोगों के रोहिंग्या शरणार्थियों के संपर्क में होने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। खासकर मलिन ट्रांजिट कैंप और सीमाओं से सटे इलाकों में रोहिंग्या शरणार्थी पहुंच सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश से आने वाले कुछ परिवार इनके संपर्क में बताए जा रहे हैं।
रोहिंग्या के जिले में पहुंचने पर अप्रिय घटनाओं की पटकथा लिखी जा सकती है। पुलिस विभाग रोहिंग्या शरणार्थियों के नाम सामने आने पर सतर्क हो गया था। अधिकारियों ने खुफिया एजेंसियों को शहर की हर गतिविधियों पर नजर रखने और रोहिंग्या से संबंधित कोई भी इनपुट मिलने पर तत्काल इसकी सूचना देने के आदेश दिए हैं। अधिकारियों के आदेश के बाद खुफिया एजेंसियां गोपनीय जांच में जुट गई हैं।
यह लोग हैं रोहिंग्या शरणार्थी
रोहिंग्या शरणार्थी प्रमुख रूप से म्यांमार (बर्मा) के अराकान प्रांत के अल्पसंख्यक मुस्लिम हैं। म्यांमार में इनकी संख्या करीब आठ लाख है। लेकिन वहां के लोग और सरकार इन्हें अपना नागरिक नहीं मानती। बड़ी संख्या में रोहिंग्या लोग बांग्लादेश और थाईलैंड की सीमा पर स्थित शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। वर्ष 1785 में बर्मा के बौद्ध लोगों ने देश के दक्षिणी हिस्से अराकन पर कब्जा कर लिया था। तब उन्होंने रोहिंग्या मुस्लिमों को इलाके से बाहर खदेड़ दिया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार यूपी, दिल्ली और हरियाणा में सैंकड़ों रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 40 हजार रोहिंग्या गैर कानूनी तरीके से रह रहे हैं। जिनकी संख्या जम्मू में सबसे अधिक है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिले की सीमा यूपी से सटे होने पर इनकी घुसपैठ बढ़ सकती है। (संवाद)
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रोहिंग्या शरणार्थियों की घुसपैठ की आशंका को लेकर पूरे प्रदेश की पुलिस और खुफिया विभाग को सतर्क किया गया है। गोपनीय एजेंसियों को इन लोगों पर नजर रखने और संदिग्ध स्थानों पर तलाशी लेने के निर्देश दिए गए हैं।