27.2 C
Dehradun
Tuesday, May 30, 2023
Homeहमारा उत्तराखण्डकिसान गोष्ठी: तकनीकी ज्ञान के प्रचार-प्रसार उपयोगिता पर दिया बल

किसान गोष्ठी: तकनीकी ज्ञान के प्रचार-प्रसार उपयोगिता पर दिया बल

भारतीय मृदा एवं जल सरंक्षण संस्थान देहरादून एवं कृषि विभाग उत्तराखण्ड के द्वारा संयुक्त रूप से संतुलित उर्वरक उपयोग से मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन विषय पर आयोजित वर्चुअल किसान गोष्ठी में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रतिभाग किया।

इस गोष्ठी में उत्तराखण्ड सहित देश के अन्य राज्यों यथा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ व केरल आदि राज्यों के 225 से अधिक किसानों, 60 वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

अपने सम्बोधन में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संतुलित उर्वरक उपयोग एवं फसलों के जैविक स्त्रोत से पोषण सम्बन्धित परंपरागत तकनीकी ज्ञान के प्रचार-प्रसार की उपयोगिता पर बल दिया, ताकि फसल उत्पादन की लागत को कम किया जा सके तथा मृदा उर्वरता को निरन्तर बनाए रखते हुए देश के किसानों की आय में वृद्धि की जा सके।

आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय मृदा एवं जल सरंक्षण संस्थान, देहरादून के निदेशक डाॅ एम मधु द्वारा की गई। डाॅ मधु द्वारा अपने सम्बोधन में संस्थान द्वारा मृदा पोषण सम्बन्धित विकसित की गई तकनीकों के विषय में जानकारी साझा की।

बताया गया कि देश के विभिन्न कृषि पारिस्थितिक क्षेत्रों में किसान किस प्रकार स्थानीय संसाधनों युक्त जैविक खादों एवं रासायनिक उर्वरकों का संयुक्त रूप से उपयोग कर सकते हैं ताकि देश की कीमती मृदा संसाधनों के स्वास्थ्य का टीकाऊ आधार पर प्रबन्धन करते हुए कृषि उत्पादन को लगातार जनसंख्या के वृद्धि के अनुरूप बढाया जा सके।

गोष्ठी में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ डी मण्डल ने 04 आर0 एप्रोच के प्रयोग द्वारा उर्वरकों के न्यायसंगत उपयोग तथा डाॅ गोपाल कुमार द्वारा स्थानीय संसाधनों के उपयोग द्वारा समेकित पौध पोषण प्रणाली के विकास विषय पर व्याख्यान दिए गए।

आयेाजित कार्यक्रम का समन्वय संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ डी.वी सिंह एवं मुख्य कृषि अधिकारी देहरादून विजय देवराड़ी द्वारा किया गया। आयोजन के दौरान कार्यक्रम के समन्वयक डाॅ डी.वी सिंह द्वारा स्थानीय संसाधनों के उपयोग करते हुए मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन, कृषि लागत में कमी एवं कृषक आय में वृद्धि के विभिनन अपादानों के विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम के अंत में संस्थान के मृदा एवं सस्य विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ एन के शर्मा द्वारा संस्थान के समस्त वैज्ञानिकों एवं सम्मिलिति कृषकों का धन्यवाद किया गया तथा संस्थान के विभिन्न अधिकारियों व कर्मचारियों का कार्यक्रम के सफल आयोजन की सराहना की।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
- Advertisment -
- Advertisment -
- Advertisment -
- Advertisment -
- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!