देहरादून में आपदा के दौरान सरखेत के घर में दफन हुए पांच लोगों में से तीन के शव मिल गए हैं। तीनों शव मलबे में बहकर काफी नीचे तक आ गए थे। वहीं, देहरादून जिले से लापता कुल सात लोगों में से चार की तलाश जारी है। इनमें दो सरखेत और दो सोडा सरोली गांव से लापता हुए थे।एसडीआरएफ के डॉग स्क्वायड और नाविक दल लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।
मालदेवता के सरखेत इलाके में शनिवार को अतिवृष्टि से भीषण तबाही मची थी। कई मकान जमींदोज हो गए थे जबकि सैकड़ों भवनों को नुकसान हुआ था। इस आपदा में सरखेत निवासी राजेंद्र सिंह राणा का घर भी जमींदोज हो गया था। उनके यहां कुछ मेहमान भी आए थे। सैलाब आया तो सबको अपने साथ बहाकर ले गया। तभी से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान उनकी तलाश में जुटे हैं।
करीब 72 घंटे की तलाश के बाद बुधवार को खोजी दलों ने तीन शव बरामद कर लिए। दो शव एक ही जगह मिले। इनकी पहचान सुरेंद्र सिंह (45) पुत्र बीर सिंह और राजेंद्र सिंह राणा (40) पुत्र रणजीत सिंह राणा निवासी जैंदवाड़ी टिहरी गढ़वाल के रूप में हुई।
कुछ देर बाद इसी जगह एक और शव दिखा। करीब एक घंटे बाद खोजी दलों ने इसे भी निकाल लिया। पहचान विशाल (15) पुत्र रमेश सिंह निवासी भैंसवाड़ा के रूप में हुई। परिवार से जुड़े जगमोहन और अनीता अब भी लापता हैं। वहीं, सोडा सरोली से लापता दीपक रावत और गीताराम की भी तलाश जारी है।
—––———–
राजधानी देहरादून के पास अतिवृष्टि से आपदा के बाद लापता लोगों में से दो के लोगों के शव बुधवार को मिले। जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि सरखेत में दो शव मलबे में दबे मिले हैं। तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मौके पर पोस्टमार्टम आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
प्रदेश में 19 अगस्त को रात में हुई भारी बारिश के बाद आपदा में अब तक छह लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 12 घायल और 11 लोगों को लापता बताया गया। लापता 11 में से दो लोगों के शव आज बुधवार को मिल गए हैं। प्रदेश शासन से सभी मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराने का दावा किया है।
देहरादून जिले में भैंसवाड़, सरखेत, सौडा सरोली रायपुर में अतिवृष्टि में एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि 12 लोग घायल हुए हैं। वहीं, सात लोग लापता हैं, जिनमें से चार देहरादून और तीन व्यक्ति टिहरी से संबंधित हैं। बुधवार को राजधानी के पास सरखेत से लापता दो शव लोगों के शव मलबे में दबे मिले।
टिहरी में पांच लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। इनमें तीन ग्वाड़ गांव, एक सिल्ला और एक मृतक कीर्तिनगर का है। ग्वाड़ गांव के चार लोग अब भी लापता बताए गए हैं, जबकि 20 भवनों, पांच गोशाला के क्षतिग्रस्त होने का आकलन किया गया है।
आपदा के चार दिन बाद भी लापता 9 लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया। उनकी तलाश के लिए अब सरकार थर्मल सेंसर मंगाने की तैयारी कर रही है। इससे मलबे में दबे लोगों का पता लगाया जा सकेगा। कई जगहों पर मलबे को हटाने के लिए जेसीबी और पोकलैन मशीनों को लगाया गया है, लेकिन कामयाबी मिलती नजर नहीं आ रही है। वहीं आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा का कहना है कि मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए थर्मल सेंसर डिवाइस देश में कहीं भी मिलती है तो यथाशीघ्र मंगाया जाएगा।