यूं तो प्रदेश में सरकारी महकमों के द्वारा आए दिन कई कारनामे सामने आते रहे हैं लेकिन इस बार राजधानी देहरादून में जल निगम का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक तरफ जहां जल निगम उपभोक्ताओं को आठ महीने बाद भी बिल नहीं भेज सका है, वहीं दूसरी ओर जल संस्थान ने लक्ष्य पूरा करने के चक्कर में दो माह का बिल एडवांस में भेज दिया है। इसको लेकर उपभोक्ताओं ने जल संस्थान के ऑफिसों में आपत्ति दर्ज कराई है, लेकिन जलसंस्थान इसे नियमित प्रक्रिया बता रहा है।
दरअसल, जल संस्थान उपभोक्ताओं को प्रतिमाह के बदले साल में तीन बार बिल भेजता है। वित्तीय वर्ष के हिसाब से अप्रैल से जुलाई तक पहला बिल, अगस्त से नवंबर तक दूसरा दिसंबर से मार्च तक तीसरा बिल भेजने का प्रावधान है। फिलहाल अभी फरवरी है और लोगों को मार्च तक के बिल भेज दिए हैं। इस पर उपभोक्ता लगातार आपत्ति जता रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब फरवरी और मार्च का पानी उन्होंने यूज किया ही नहीं तो आखिर वह एडवांस में बिल क्यों चुकाए।
राजधानी क्षेत्र के कई उपभोक्ताओं ने बताया कि इस माह जो बिल आया है, वह उन्हें मार्च तक का दिया गया है। एक ने बताया कि जो बिल भेजा गया है वह 2332 रुपये का है। जब उन्होंने जनवरी तक का ही बिल जमा करने के लिए कहा तो उन्हें जलसंस्थान की ओर से मार्च तक का बिल भरने के लिए दबाब बनाया जा रहा है।
ऐसे न करने पर कनेक्शन काटने की चेतावनी दी जा रही है। इस संबंध में अधीक्षण अभियंता वीसी रमोला ने कहा कि फिलहाल अभी मीटिरिंग की व्यवस्था और संसाधनों की कमी के कारण ऐसा किया जाता है। जब पानी के मीटर की व्यवस्था हो जाएगी तो प्रतिमाह लोगों से बिल वसूले जाएंगे।