गोपेश्वर। जनपद से लगी चीन सीमा का जायजा लेने के लिए यहां जोशीमठ में सेना के उच्च अधिकारी पहुंच गए हैं। यहां पहुंचे अधिकारियों ने आज सोमवार सुबह भारत-चीन सीमा की अग्रिम चैकियों का निरीक्षण करने के लिए दो हेलिकॉप्टर से नीति घाटी एवं माणा क्षेत्र में उड़ान भरी। बताया जा रहा है कि सेना के शीर्ष अधिकारी आगामी कुछ दिनों तक सीमा पर जवानों के साथ निवास कर सकते हैं।
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उधर, पिथौरागढ़ जिले की सीमा पर चीन और नेपाल की गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियां ज्यादा सतर्क हो गई हैं। सोमवार को यहां सीमाओं पर तैनात अर्द्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारियों ने भी सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। नेपाल सरकार के भारतीय क्षेत्र लिंपियाधूरा, कालापानी और लिपुपास को अपने नक्शे में दर्शाने और चीनी सैनिकों के लिपुपास में बैनर लहराकर टिनशेड हटाने की चेतावनी के बाद भारत, नेपाल और चीन सीमा को अब हाई अलर्ट पर रख दिया गया है।
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चमोली एवं पिथौरागढ़ दोनों जिलों की सीमाओं पर सुरक्षा की तैयारियों को देखने के लिए सुरक्षा बलों के शीर्ष अधिकारी इन क्षेत्रों में लगातार जायजा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। शनिवार और रविवार को नेपाल-चीन सीमा का जायजा लेने के लिए एसएसबी, आईटीबीपी के आईजी, डीआईजी और सेना के कर्नल रैंक स्तर के सेना अधिकारियों ने नाभीढांग, कालापानी और लिपुपास का जायजा लिया।
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वहीं नेपाल सीमा पर एसएसबी ने चप्पे-चप्पे पर अपने जवानों की तैनाती कर सुरक्षा और मजबूत कर दी है। बता दें कि बीते दिनों गलवां की घटना के बाद से लिपुपास में भी भारतीय सेना और आईटीबीपी ने 24 घंटे कड़े सुरक्षा बंदोबस्त कर दिए हैं। हालांकि नेपाल और चीन की तरफ से सीमा पर फिलहाल कोई सरगर्मी नहीं है, फिर भी सेना ने दोनों सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्थाएं चाकचैबंद कर दी हैं।
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