पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अंकिता भंडारी हत्याकांड प्रकरण को लेकर कल 4 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर एक घंटे का मौन उपवास करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कुछ दिन सक्रिय राजनीति से दूर रहते हुए विश्राम की बात कही है। फेसबुक पेज पर लिखते हुए हरीश रावत ने कहा है कि सरकारी तंत्र निष्पक्ष और निर्भीकता के साथ अंकिता को न्याय दे, वह ऐसी कामना करते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरीके से मामले में जानबूझकर विलंब किया गया और साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई, वह अक्षम्य है। अब किसी वीआईपी का जिक्र लोगों को चिंतित कर रहा है। वीआईपी के नाम का शीघ्र खुलासा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोगों के जेहन में वह चेहरा कुछ साफ होने लगा है।
लोगों को संदेह है कि वह वीआईपी बहुत ही वजनदार व्यक्ति है और उत्तराखंड के राजनीतिक घटनाक्रम से उसका पहले भी संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे यह बातें चर्चा में आ रही है, लोगों की चिंता और गहरी होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि वह कुछ दिन सक्रिय राजनीति से दूर रहकर दिल्ली में ही प्रवास करेंगे। इस दौरान उत्तराखंड में जब भी पार्टी को उनकी जरूरत महसूस होगी, वह अपनी सेवाएं देने के लिए उत्सुक रहेंगे।
अपने फेसबुक पेज पर श्री रावत ने लिखा है कि अंकिता को न्याय मिले, उसके हत्यारों को कठोरतम् दंड मिले, यह भारत की चाहत है, यह उत्तराखंड के आमजन की चाहत है, मगर जिस तरीके से मामले में जानबूझकर के विलंब हुआ है या साक्ष्य मिटाने की चेष्टा हुई है और अब वीआईपी का जिक्र, यह लोगों को चिंतित कर रहा है। दिल्ली के बहुत सारे मेरे मित्रों ने मुझसे आशंका जाहिर की है कि हम भी व्यग्र हैं! कल दिनांक 4 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 11 से 12 बजे तक मैं, अपने दिल्ली स्थित आवास पर 1 घंटे का मौन_उपवास रखूंगा और भगवान से कामना करूंगा कि सरकारी तंत्र निष्पक्ष और निर्भीकता के साथ अंकिता को न्याय दे, उत्तराखंड की बेटियों को न्याय दे।