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Tuesday, March 28, 2023
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एम्स ऋषिकेश: ‘कोरोनाकाल में युवाओं में उत्पन्न मनोविकृति’ व अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान को ऑनलाइन प्लेटफार्म

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में ‘कोरोनाकाल में युवाओं में उत्पन्न मनोविकृति’ व अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उचित समाधान के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार किया है। 

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में संस्थान की ओर से सोशल आउटरीच सेल द्वारा कम्युनिटी एवं युवाओं के लिए बीती 26 अप्रैल को ऑनलाइन संवाद की सुविधा शुरू की है,जिसमें एम्स के विशेषज्ञों से जनमानस अपनी स्वास्थ्य समस्याओं पर परामर्श ले सकेंगे। विभाग के चिकित्सक डा. संतोष कुमार को इस ऑनलाइन प्लेटफार्म का नोडल अधिकारी बनाया गया है।

बताया गया कि इसके तहत ऑनलाइन संवाद में 50 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। गौरतलब है कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में दिन-ब-दिन कोरोना ग्रसित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है, लिहाजा संवाद में हिस्सा लेने वाले लोगों ने विशेषज्ञ चिकित्सकों से कई तरह के सवाल पूछे व अपनी समस्याओं का समाधान जाना।

कोविड-19 कम्युनिटी संवाद के तहत युवाओं द्वारा किए गए सवालों के जवाब में एम्स के कॉलेज ऑफ नर्सिंग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राखी मिश्रा ने बताया कि कोविड -19 जो कि SARS-CoV-2 के नाम से भी जाना जाता है, यह एक ही फेमिली का वायरस है । जो कि एयर बोरने इन्फेक्शन है और ड्रॉप्लेट्स के माध्यम से शरीर ने प्रवेश करता है और इसकी सबसे पसंदीदा जगह- फेफड़ा है। यह फेफड़ों में घुस कर अल्वेलोइ को नष्ट कर देता है और परिणामस्वरूप वायरस से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है।

क्योंकि अल्विओली का कार्य ऑक्सीजन व कार्डबोन डाइऑक्साइड का एक्सचेंज करना है जिसके बाद ही पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचता है। संवाद में युवाओं ने उनसे सेकंड कोविड-19 वेव के लक्षणों को लेकर सवालात किए, उनका प्रश्न था कि किसी भी ग्रसित व्यक्ति को किस तरह से पता लगेगा कि यह सिम्पटम्स कोविड-19 के हैं या वायरल फीवर के ? जिसके जवाब में उन्हें बताया गया कि कोविड-19 के कॉमन सिम्पटम्स जैसे बुखार, सूखी खांसी, थकान, कंजंक्टिवाइटिस, बॉडीपेन, डायरिया,गंध व स्वाद का पता नहीं लगना और सिर दर्द रहना। सीवियर कंडीशन में सांस लेने में दिक्कत और चेस्ट पेन होता है। ऐसे में यदि वायरल फीवर की शिकायत हो तो पीड़ित व्यक्ति को अधिकाधिक आराम लेना चाहिए। साथ ही पैरासिटामोल टेबलेट हर 6 घंटे के अंतराल पर व रात को सोने से पहले लेनी चाहिए।

साथ ही सिट्रिजीने चिकित्सक के परामर्श से ले सकते हैं, यदि इसके बाद भी आराम नहीं मिले तो तत्काल आर.टी-पीसीआर टेस्ट करा लें। यदि आपकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है और तब भी आपमें इसके लक्षण मौजूद हैं तो स्वयं को आइसोलेट कर लें, साथ ही डॉक्टर से परामर्श लेकर चेस्ट का सी टी-स्कैन करा सकते हैं जिसमें कोविड-19 इन्फेक्शन का पता चल सकता है।

इसके साथ ही अपनी इम्युनिटी को किस तरह से बढ़ाएं, इसके लिए सबसे जरूरी है भरपेट भोजन करें। जिसमें 7 कलर हों, इसे हम रेनबो फ़ूड आइटम्स भी कह सकते हैं, इसमें दाल, चावल, रोटी, सब्ज़ी, पत्तेदार सब्जी, फ्रूट्स आदि आते हैं। इसके साथ ही कम से कम 2.5 लीटर पानी प्रतिदिन पीएं और दिन में फिजिकल एक्टिविटी में ब्रिस्क वाॅक, योगाभ्यास, मेडिटेशन अथवा फ्री हैंड एक्सरसाइज करें और 8 घंटे की अच्छी नींद लें।

क्या कोविड-19 की थर्ड वेब भी आ सकती है ? इसके जवाब में चिकित्सकों ने लोगों को बताया कि हां आ सकती है। यदि अभी भी हम सतर्क नहीं हुए तो थर्ड वेब निश्चित तौर पर आ सकती है। चिकित्सकों का मानना है कि हम कहीं न कहीं लापरवाह हो गए थे, तभी यह कोविड-19 की दूसरी लहर इस तरह के भयावह रूप में आई है, जिसमें असंख्य लोग इसकी चपेट में आ गए।

चिकित्सकों ने आगाह किया है कि हमें इस महामारी की रोकथाम के लिए अभी और सावधानी बरतनी होगी। लिहाजा यदि अमूल्य जीवन को बचाना है तो इसके लिए हमें कोविड-19 एप्रोप्रियेट बेहेवियर की गाइडलाइंस का शब्दश: पालन करना होगा। इसमें आवश्यकरूप से हैंड-वाशिंग, एक- दूसरे से न्यूनतम 6 फिट की दूरी और डबल मास्क जो कि पूरी तरह से मुंह और नाक को पूरी तरह से कवर करे।

उन्होंने यह भी बताया कि डबल मास्किंग से 87% इन्फेक्शन ट्रांसमीशन प्रिवेंट किया जा सकता है, जिसके तहत बताया जा रहा है कि सर्जिकल मास्क लगाएं और उसके ऊपर से फिर कपडे़ का मास्क पहना जा सकता है। कपड़े के मास्क को अच्छे से पानी और साबुन से धोकर ही दोबारा इस्तेमाल करें। बताया कि सर्जिकल मास्क 4-6 घंटे तक ही काम करते हैं अथवा उन्हें एक बार इस्तेमाल करके प्रोपेर्ली डिस्पोज करें।

बताया कि जो लोग कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त हैं और होम आइसोलेशन में हैं अथवा किसी व्यक्ति को कोविड -19 के विषय में विस्तृत जानकारी लेनी हो, तो वह गूगल मीट की लिंक द्वारा सीधे एम्स ऋषिकेश की कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स से जुड़कर संस्थान के विशेषज्ञों से अपनी समस्याओं का समाधान पा सकता है। इसका दिन व समय निम्न प्रकार है।

  • प्रत्येक सोमवार और मंगलवार- सांय 3-4 PM कम्युनिटी के लिए।
  • प्रत्येक गुरुवार और शुक्रवार- सांय 3-4 PM काॅलेज / यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स और स्कूल स्टूडेंट्स के लिए निर्धारित किए गए हैं।
  • अपने प्रश्नों के लिए कृपया दिए गए लिंक पर पंजीकरण करें – https://forms.gle/gKNeqdcfPuE1VMVs8 
  • गूगल मीट के लिए लिंक को क्लिक करें – meet.google.com/aew-kzyw-fgz
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