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Tuesday, March 28, 2023
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एम्स ऋषिकेश: कोविड से रिकवर होने के बाद सांस लेने में हो तकलीफ, न करें अनदेखी

कोविड से रिकवर होने के बाद यदि किसी मरीज को फिर से सांस लेने में तकलीफ की शिकायत महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करें। यह पोस्ट कोविड के प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे में आपको शीघ्र चिकित्सक से संपर्क कर अपना उपचार शुरू कराना चाहिए। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश ने पोस्ट कोविड मरीजों के लिए यह सलाह जारी की है।

कोरोना महामारी से जूझते हुए लगभग डेढ़ साल का समय बीतने को है। लेकिन यह जानलेवा वायरस अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। कोरोना से ठीक हो चुके कई लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद भी उनमें अब फिर से कोविड के लक्षण उभर रहे हैं।

इन लक्षणों में अधिकांश को सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार यह लक्षण पोस्ट कोविड के हैं और ऐसे में समय रहते उपचार कराने की आवश्यकता होती है।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने इस बाबत बताया कि कोविड से ठीक को चुके कई लोगों में क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम (बिना श्रम किए थकावट महसूस होना) और सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत प्रमुखता से देखी जा रही है।

इसके अलावा ’नाॅर्मल लंग्स कैपेसिटी’ के कारण चलने में कठिनाई होना, सीने मे दर्द आदि की शिकायतें भी उभर रही हैं। साथ ही कुछ लोगों को अनिद्रा की भी शिकायत हो सकती है।

निदेशक एम्स के अनुसार यह सभी पोस्ट कोविड के लक्षण हैं। उन्होंने सलाह दी है कि ऐसे लोगों को तत्काल इलाज की आवश्यकता है और ऐसे लक्षणों के सामने आने पर हरगिज किसी तरह की लापरवाही से बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों के लिए रिहैबिलिटेशन (स्वस्थ जीवनशैली में लौटने की प्रक्रिया) की व्यवस्था करने की जरूरत होती है।

कोविड के नोडल अधिकारी डाॅ. पीके पण्डा ने बताया कि एम्स, ऋषिकेश की कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी में इन दिनों औसतन 10 से 12 पोस्ट-कोविड मरीज प्रतिदिन देखे जा रहे हैं। आने वाले समय में ऐसे मरीजों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।

इनमें अधिकांश मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, हृदय और डायबिटीज संबंधी शिकायतें हैं। उन्होंने बताया कि कोविड से रिकवर हो चुके लोगों का ध्यान कैसे रखा जाय तथा उनकी जीवनशैली व खानपान कैसा हो, इन विषयों पर गंभीरता से अमल करने की जरूरत है।

मरीज के ठीक होने पर डिस्चार्ज के दौरान अस्पताल द्वारा जारी प्रोटोकाॅल का न्यूनतम 3 महीने तक गंभीरता से पालन करने से पोस्ट कोविड की स्थिति से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि एसिम्टोमैटिक लक्षण वाले कोविड मरीज यदि नियमित ब्रीदिंग एक्सरसाइज (सांस से जुड़े व्यायाम) का अभ्यास करें और संतुलित व पौष्टिक भोजन लें, तो उनमें पोस्ट कोविड की समस्या नहीं होगी, लेकिन ’हाइफ्लो ऑक्सीजन थैरेपी’ वाले और जो मरीज वेन्टिलेटर पर रहे हों, उन्हें फेफड़ों में परेशानी होने की समस्या हो सकती है। ऐसे मरीजों को चिकित्सक की सलाह पर ब्रीदिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति को कुछ कदम चलने के बाद सांस फूलने लगे या सांस लेने में तकलीफ हो तो उन्हें हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेकर अपना उपचार कराना चाहिए।

नोडल ऑफिसर डाॅ. पीके पण्डा ने बताया कि जिन लोगों को बीपी, अनियंत्रित शुगर, किडनी रोग व हार्ट की बीमारी है, ऐसे लोगों को पोस्ट कोविड से ज्यादा खतरा है। ऐसे लोगों को नियमिततौर से चिकित्सक के संपर्क में रहकर दवा का उपयोग करना चाहिए।

खड़े होने पर चक्कर आने की शिकायत पर ब्लड प्रेशर की जांच करान और हाथ पैरों में ऐंठन होने पर चिकित्सक की परामर्श से विटामिन- ए, बी काॅम्पलेक्स और विटामिन- सी का सेवन करना उचित रहता है।

उन्होंने बताया कि संक्रमित होने पर कोरोना वायरस मरीज की मांसपेशियों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है, इन हालातों में शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है।

ऐसे लक्षण वाले मरीजों को अपने भोजन में हाई प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करना चाहिए। इससे मांशपेशियां मजबूत होती हैं।

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