ऋषिकेश। इलाज हेतु एम्स ऋषिकेश में भर्ती बस दुर्घटना के घायलों में 11 यात्रियों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जबकि प्राथमिक उपचार के बाद शुक्रवार की सुबह 4 घायलों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। गंभीर घायलों में एक 3 साल की बच्ची सहित अधिकांश महिला यात्री शामिल हैं।
गौरतलब है कि बदरीनाथ मार्ग पर राम झूला से कुछ पहले यूपी के बलिया जिले से आए यात्रियों की एक डबल डेकर बस बृहस्पतिवार की सांय अनियंत्रित होकर पलट गई थी। इस दुर्घटना के दौरान कई लोग घायल हो गए थे। इनमें से कुछ घायलों को ऋषिकेश के एसपीएस राजकीय चिकित्सालय और अन्य 15 घायलों को बीती रात्रि उपचार हेतु एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया था। सड़क दुर्घटना में बड़ी संख्या में घायलों को उपचार हेतु एम्स ऋषिकेश पहुंचाए जाने की सूचना मिलने पर एम्स अस्पताल प्रशासन द्वारा सभी संबंधित विभागों को अलर्ट रखा गया था। विभिन्न विभागों की चिकित्सकों की टीम ने घायलों का तत्काल इलाज करना शुरू कर दिया था। इलाज हेतु भर्ती किए गए घायलों में एक 3 साल की बच्ची सहित 8 महिलाएं और 7 पुरूष शामिल हैं।
इलाज के बारे में जानकारी देते हुए ट्रॉमा विभाग के असिस्टेन्ट प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार ने बताया कि घायलों में से 4 लोगों को सामान्य चोटें आईं थी। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद शुक्रवार की सुबह डिस्चार्ज कर दिया गया। डिस्चार्ज किए गए लोगों में बिन्दु, राजकुमारी, सूर्यकान्त और सोमेश्वरी शामिल हैं।
ट्रॉमा विभागाध्यक्ष डॉ. कमर आजम ने बताया कि शेष 11 लोगों का एम्स के ट्रॉमा वार्ड में इलाज चल रहा है। इनमें से एक पुरूष यात्री गंभीर रूप से घायल है। इसकी दोनों पसलियां फ्रैक्चर हैं और इसका ट्रॉमा आईसीयू में इलाज चल रहा है। जबकि दुर्घटना के दौरान एक महिला यात्री के पेट में तिल्ली फट गई थी। इलाज की अति आधुनिक तकनीक एन्जियो एम्बुलाईजेशन विधि से इस महिला का उपचार किया गया। महिला के स्वास्थ्य की हालत अब स्थिर है। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल एक अन्य पुरूष यात्री के गर्दन की हड्डी में चोट लगने से गर्दन की नस दब गई है। इस वजह से उसके हाथ-पैरों ने काम करना बन्द कर दिया है। ट्रॉमा विभाग के चिकित्सकों के अनुसार एम्स में भर्ती सभी 11 घायल यात्रियों के शरीर के विभिनन अंगों में फ्रैक्चर पाया गया है। इनमें 3 घायलों की सर्जरी की जा चुकी है जबबि अन्य की सर्जरी रात्रि समय तक कर ली जाएगी। बताया गया कि 11 घायलों में 3 बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से 2 बच्चों की सर्जरी की प्रक्रिया चल रही है।
संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने ट्रॉमा वार्ड पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना और उनके समुचित इलाज के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रोफसर मित्तल ने बताया कि घायलों के इलाज और उनके स्वास्थ्य के बारे में स्थानीय प्रशासन को जानकारी दे दी गयी है। उन्होंने बताया कि एम्स निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने इलाज कर रही डॉक्टरों की टीम से कहा है कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की कमी नहीं की जाए।
घायलों का उपचार करने वाली चिकित्सकों की टीम में ट्रॉमा विभाग के सर्जन डॉ. मधुर उनियाल, डॉ. अजय कुमार, डॉ. भास्कर, डॉ. दिवाकर, सहित न्यूरो सर्जरी विभाग, ऑर्थो विभाग, रेडियोलॉजी विभाग, एनेस्थीसिया विभाग तथा नर्सिंग और पैरामेडिकल विभाग की टीम शामिल है। घायलों के समुचित इलाज और आवश्यक व्यवस्थाओं के बारे में चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय से अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अंशुमन दरबारी और डीएमएस डॉ.भरत भूषण समन्वय स्थापित कर रहे हैं।